अल-कायदा भारत में पैर जमा रहा है, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कीया गया दावा

अल-कायदा भारत के जम्मू-कश्मीर और बांग्लादेश, म्यांमार में पैर जमा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद इस संगठन को ताकत मिलती दिख रही है।

अल-कायदा भारत में पैर जमा रहा है, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कीया गया दावा


जम्मू-कश्मीर पर हमेशा से आतंकियों की नजर रही है। आईएसआईएस, अल कायदा जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन लंबे समय से भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। अब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अल-कायदा भारत के जम्मू-कश्मीर और बांग्लादेश, म्यांमार में पैर जमा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद इस संगठन को ताकत मिलती दिख रही है। इस आतंकी संगठन ने तालिबान से दोस्ती कर ली है। उसके यहां 400 लड़ाके हैं।


अल कायदा, AQIS का एक अलग विंग, जम्मू कश्मीर और बांग्लादेश जैसे भारतीय उपमहाद्वीप में काम करता है। इसका नेतृत्व ओसामा महमूद कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन इलाकों में उसके 200 लड़ाके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा AQIS का एक नया रूप स्थापित कर रहा है और जम्मू-कश्मीर, बांग्लादेश और म्यांमार तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है।

अल-कायदा के कुछ लड़ाके या तो इस्लामिक स्टेट-खोरसान प्रांत के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं या संगठन में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तान में AQIS भी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) में शामिल होने की तैयारी कर रहा है। टीटीपी पाकिस्तान में सत्ता हासिल करना चाहता है। 

तालिबान का यह धड़ा अफगानिस्तान की तर्ज पर पाकिस्तान में भी सत्ता हासिल करना चाहता है। टीटीपी ने पाकिस्तान में अपनी लड़ाई तेज कर दी है। AQIS ने 2014 में पाकिस्तानी सेना के एक ब्रिगेडियर को मारने का दावा किया था। 2017 में पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ था। इस ग्रुप ने अभी तक पाकिस्तान के बाहर कोई बड़ा हमला नहीं किया है।


AQIS की स्थापना 2014 में पूर्व अल कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी ने की थी। पाकिस्तानी मूल के आसिम उमर इसके शुरुआती सदस्य थे। अब इसका नेतृत्व ओसामा महमूद कर रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तानी मूल का है। उमर अमेरिकी-अफगानिस्तान सैन्य अभियान में मारा गया था।
इसके बाद 2019 में महमूद ने कमान संभाली। अभी तक AQIS और IS-K के बीच किसी गठबंधन की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। AQIS का भारत में कोई आधार नहीं है। 2015 में इसके भारतीय प्रमुख आसिफ को गिरफ्तार किया गया था।

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